इसमाद

Friday, April 8, 2011

यही है बिहार में बनी पहली रंगीन फिल्‍म

यह फिल्‍म 1941 की है, इसमे दरभंगा के महाराजा कामेश्‍वर सिंह और राजस्‍थान के महाराजा सवाई मानसिंह को देख सकते है, इसमें दरभंगा की शान के साथ पोलो मैदान को भी देखा जा सकता है, जो किसी खेल के लायक मैदान नहीं रहा, दरभंगा के इतिहास को देखने के लिए यह एक अमूल्‍य फिल्‍म है जो लंदन के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एक अनाम और अज्ञात दस्‍तावेज के रूप में रखी हुई है, मैं यह फिल्‍म तेजकर झा के सहयोग से मैथिली का पहला इपेपर इसमाद डाट काम से साभार ले कर यहां प्रस्‍तुत कर रहा हूं - आशीष

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