इसमाद

Sunday, September 19, 2010

मनमोहन बिछाओ कारपेट, युवराज आ रहे हैं

मनमोहन बिछाओ कारपेट, युवराज आ रहे हैं,
पांच करोड का स्वागत गाण रहमान गा रहे हैं
कश्मीर जल रहा है, अनाज सड रहा है,
चिंता हजार हैं पर कर कौन वह रहा है
सरकार संग मीडिया भी, घास सडक पर लगा रहे हैं
मनमोहन बिछाओ कारपेट, युवराज आ रहे हैं,
पांच करोड का स्वागत गाण रहमान गा रहे हैं
डेंगू बुखार से चाहे मर जाएं हर गरीब,
अमीरों के वास्ते भी रहा कुछ नहीं करीब
ब्लू लेन पर भी एंबुलेंस नहीं चलाए जा रहे हैं
मनमोहन बिछाओ कारपेट, युवराज आ रहे हैं,
पांच करोड का स्वागत गाण रहमान गा रहे हैं
महंगाई आसमान पर रॉकेट से जा रही है
संसेक्स की अंगराई प्रणबदा को भा रही है
मोंटेक भी उनके सुर में सुर मिला रहे हैं
मनमोहन बिछाओ कारपेट, युवराज आ रहे हैं,
पांच करोड का स्वागत गाण रहमान गा रहे हैं
बेहशी बनी पुलिस है, गुंडों की क्या बताएं
दहशत में जी रहे हैं बच्चे और महिलाएं
शीला जी कह रही हैं, दिल्ली सजा रहे हैं
मनमोहन बिछाओ कारपेट, युवराज आ रहे हैं,
पांच करोड का स्वागत गाण रहमान गा रहे हैं
इज्जत के नाम पर कत्ल, सरे राह हो रहा है
हर घर मकान बन कर, खुद पर ही रो रहा है
जाति को गिनने को वो मरे जा रहे हैं
मनमोहन बिछाओ कारपेट, युवराज आ रहे हैं,
पांच करोड का स्वागत गाण रहमान गा रहे हैं
गुपचुप से गडकरी हैं, खामोश बैठी मैडम
हर दल में एकमत है, आपस में बांट लो धन
गले मातम को हम लगाकर उत्सव मना रहे हैं
ंमनमोहन बिछाओ कारपेट, युवराज आ रहे हैं,
पांच करोड का स्वागत गाण रहमान गा रहे हैं
ना कामनिष्ट मैं हूं, ना देश का हूं दुश्मन
क्यों लुट रहा वतन है, यह पूछता मेरा मन
कलमाडी के ठहाके किसको रूला रहे हैं
मनमोहन बिछाओ कारपेट, युवराज आ रहे हैं,
पांच करोड का स्वागत गाण रहमान गा रहे हैं
भवेश नाथ झा

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